Friday, November 9, 2012

करुणानिधि बनने का दुश्साहस न करें राम द्रोही : विहिप


करुणानिधि बनने का दुश्साहस न करें राम द्रोही : विहिप
नई दिल्ली नवम्बर 9, २०१२. भगवान श्री राम, भैया लक्ष्मण व माता सीता के विषय में कुछ राजनेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों के विरोध में आज हिन्दू युवकों ने अधिवक्ता श्री राम जेठमलानी के घर के बाहर प्रदर्शन किया। विश्व हिन्दू परिषद ने कडी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड में किसी भी व्यक्ति को इस बात की छूट नहीं है कि वे लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड करें चाहे वह किसी भी स्तर के कितने ही बडे व्यक्ति क्यों न हों। विहिप दिल्ली के महा मंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने आज ऐसे नेताओं को चेताया कि भगवान राम व उनके बनाए श्री राम सेतु के अपमान का हश्र दक्षिण भारत के करुणा निधि पहले से ही भुगत रहे हैं अब यदि और लोग इस श्रेणी में सामिल होते हैं तो हिन्दू समाज उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा। प्रदर्शनकारी हिन्दू युवकों ने कहा है कि आज का प्रदर्शन सांकेतिक है किन्तु यदि ये लोग नहीं सुधरे तो हिन्दू समाज को इन्हें ठीक करना आता है।

  विहिप दिल्ली की एक बैठक के बाद संगठन के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि कल अधिवक्ता राम जेठमलानी ने अपनी कुबुद्धि का परिचय देते हुए जिस प्रकार की बातें भगवान श्री राम व भईया लक्ष्मण के बारे में कहीं है उनसे एक बात साफ़ हो गई है कि या तो वे जान बूझ कर हिन्दू जन मानस को आन्दोलित करना चाहते हैं और या फ़िर शास्त्रीय ज्ञान में वे पूरी तरह से बुद्धू हैं। विहिप का मानना है कि सिर्फ़ किताबी ज्ञान या कानून की महा रथ हासिल कर लेने से किसी को शास्त्रीय ज्ञान नहीं हो सकता है। उसके सही ज्ञान के लिए सच्ची भक्ति, संतों का सानिध्य व सत्संग में समर्पण चाहिए। अपने झण्डेवालान स्थित प्रदेश मुख्यालय में पारित एक प्रस्ताव में विहिप ने यह भी कहा है कि हिन्दू मान विन्दुओं व देवी देवताओं का अपमान करना आज दुष्टों का फ़ैशन सा बन चला है। विहिप ने चेताया है कि यदि इस मानसिकता में बदलाव नहीं आया तो हिन्दू समाज भी चुप नहीं बैठेगा तथा लोकतांत्रिक तरीके से उसका प्रत्युत्तर अवश्य देगा।