प्रैस विज्ञप्ति :
जिहादी कट्टरपथियों की शिकार हुई छ: माह की पाक हिन्दू बच्ची दिल्ली में हुआ निधन, बिजबासन में किया अन्तिम संस्कार
नई दिल्ली। अप्रेल 3, 2013। पाकिस्तान में मुस्लिम कट्टर पंथियों द्वारा हिन्दुओं के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा है इसकी ज्वलंत मिसाल आज दिल्ली के बिजवासन स्थित शमशान घाट पर देखने को मिली जब एक छ: माह की अबोध बच्ची का अन्तिम संस्कार उसकी चोदह वर्षीया मां के सामने किया गया। उपस्थित शोकाकुल परिजन व दिल्ली भर के हिन्दू समाज के प्रमुख लोग वह कहानी सुन कर सहम गए जो दर्दनाक कहानी पाकिस्तान से आए कट्टरवाद से पीडित हिन्दूओं ने वहां सुनाई। गत दस मार्च को 480 पाक हिन्दुओं का जो जत्था किसी तरह जान बचा कर दिल्ली पहुंचा था उसी जत्थे की सदस्या यह छ: माह की अबोध बच्ची थी जो बुरी तरह कुपोषण और आतंकवाद के दंश से पीडित थी और आज भगवान को प्यारी हो गई। घटना की दुख:भरी कहानी सुनाते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज पाकिस्तान से आए हिन्दुओं के जत्थे में से एक छ: माह की बच्ची की मृत्यु का समाचार सुनते ही दिल्ली में जो धर्म प्रेमी लोग व संस्थाए इन हिन्दू की सेवा सुश्रुसा में लगीं थी, को गहरा दु:ख तो हुआ ही, साथ ही उसकी मौत का कारण जानने की उत्सुकता भी थी कि कहीं हमारी सेवा में तो कोई त्रुटि नहीं रही। 16 अम्बेडकर कालोनी बिजवासन में धीरे धीरे लोगों का तांता लगना प्रारम्भ हो गया। देखते ही देखते विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू महा सभा, हिन्दू सेना, शिव सेना, आर्य समाज इत्यादि संगठनों के पदाधिकारी समाज सेवी श्री नाहर सिंह द्वारा बनाए गए पाक शरणार्थी शिविर में जमा होते गए। जब लोगों को यह पता चला कि बच्ची की मां तो अभी मात्र 14 वर्ष की है तो परिजनों से इतनी कम उम्र में शादी का कारण जानना चाहा। वहां आए पाक हिन्दू परिवारों ने बताया कि मृतका की मां की शादी तो दस वर्ष की उम्र में ही करनी पडी। क्योंकि यदि ऐसा नहीं करते तो वह मुस्लिम कट्टरपंथीयों द्वारा जबरन अपहरण, बलात्कार व धर्मांतरण की शिकार हो जाती। दूसरा कच्ची उम्र की मां के अलावा शुरू से ही कुपोषण की शिकार बच्ची को यहां पर भी मां से पूरा आहार नहीं मिल पा रहा था। दोपहर दो बजे पालम विहार रोड स्थित बिजवासन के समशान गृह में उस दूध पीती अबोध बालिका का अन्तिम संस्कार तो कर दिया गया किन्तु न सिर्फ़ पाकिस्तान व भारत बल्कि समस्त विश्व के लिए एक प्रश्न छोड गया कि आखिर और कितने हिन्दुओं की जान लेंगे ये जिहादी कट्टरपंथी और कब तक चुप रहेगी यह दुनिया। सभी की आंखें नम थीं।
भवदीय
इंद्र्प्रस्थ विश्व हिंदू परिषद ( मीडिया), दिल्ली
9717311794, 9810949109
जिहादी कट्टरपथियों की शिकार हुई छ: माह की पाक हिन्दू बच्ची दिल्ली में हुआ निधन, बिजबासन में किया अन्तिम संस्कार
नई दिल्ली। अप्रेल 3, 2013। पाकिस्तान में मुस्लिम कट्टर पंथियों द्वारा हिन्दुओं के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा है इसकी ज्वलंत मिसाल आज दिल्ली के बिजवासन स्थित शमशान घाट पर देखने को मिली जब एक छ: माह की अबोध बच्ची का अन्तिम संस्कार उसकी चोदह वर्षीया मां के सामने किया गया। उपस्थित शोकाकुल परिजन व दिल्ली भर के हिन्दू समाज के प्रमुख लोग वह कहानी सुन कर सहम गए जो दर्दनाक कहानी पाकिस्तान से आए कट्टरवाद से पीडित हिन्दूओं ने वहां सुनाई। गत दस मार्च को 480 पाक हिन्दुओं का जो जत्था किसी तरह जान बचा कर दिल्ली पहुंचा था उसी जत्थे की सदस्या यह छ: माह की अबोध बच्ची थी जो बुरी तरह कुपोषण और आतंकवाद के दंश से पीडित थी और आज भगवान को प्यारी हो गई। घटना की दुख:भरी कहानी सुनाते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज पाकिस्तान से आए हिन्दुओं के जत्थे में से एक छ: माह की बच्ची की मृत्यु का समाचार सुनते ही दिल्ली में जो धर्म प्रेमी लोग व संस्थाए इन हिन्दू की सेवा सुश्रुसा में लगीं थी, को गहरा दु:ख तो हुआ ही, साथ ही उसकी मौत का कारण जानने की उत्सुकता भी थी कि कहीं हमारी सेवा में तो कोई त्रुटि नहीं रही। 16 अम्बेडकर कालोनी बिजवासन में धीरे धीरे लोगों का तांता लगना प्रारम्भ हो गया। देखते ही देखते विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू महा सभा, हिन्दू सेना, शिव सेना, आर्य समाज इत्यादि संगठनों के पदाधिकारी समाज सेवी श्री नाहर सिंह द्वारा बनाए गए पाक शरणार्थी शिविर में जमा होते गए। जब लोगों को यह पता चला कि बच्ची की मां तो अभी मात्र 14 वर्ष की है तो परिजनों से इतनी कम उम्र में शादी का कारण जानना चाहा। वहां आए पाक हिन्दू परिवारों ने बताया कि मृतका की मां की शादी तो दस वर्ष की उम्र में ही करनी पडी। क्योंकि यदि ऐसा नहीं करते तो वह मुस्लिम कट्टरपंथीयों द्वारा जबरन अपहरण, बलात्कार व धर्मांतरण की शिकार हो जाती। दूसरा कच्ची उम्र की मां के अलावा शुरू से ही कुपोषण की शिकार बच्ची को यहां पर भी मां से पूरा आहार नहीं मिल पा रहा था। दोपहर दो बजे पालम विहार रोड स्थित बिजवासन के समशान गृह में उस दूध पीती अबोध बालिका का अन्तिम संस्कार तो कर दिया गया किन्तु न सिर्फ़ पाकिस्तान व भारत बल्कि समस्त विश्व के लिए एक प्रश्न छोड गया कि आखिर और कितने हिन्दुओं की जान लेंगे ये जिहादी कट्टरपंथी और कब तक चुप रहेगी यह दुनिया। सभी की आंखें नम थीं।
भवदीय
इंद्र्प्रस्थ विश्व हिंदू परिषद ( मीडिया), दिल्ली
9717311794, 9810949109