Monday, October 12, 2015

वैदिक संस्कृति के संवाहक - महाराज अग्रसेन



वैदिक संस्कृति के संवाहक - महाराज अग्रसेन
-विनोद बंसल

द्वापर युग के अन्त और कलयुग के प्रारम्भ में एक ऐसे महापुरुष का प्रादुर्भाव हुआ जिसने न सिर्फ़ भारत में एक गणतांत्रिक शासन व्यवस्था, उत्तम सिंचाई व्यवस्था, समाजवाद, समरसता व समानता का पाठ पढाया वल्कि सच्चे राम राज्य की स्थापना कर ऐसे संस्कारी पुत्र दिए जो आज भी पूरे विश्व का भरण पोषण कर अपना कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। विश्व का शायद ही कोई कोना होगा जहां की प्रगति और उन्नति में किसी अग्रवाल की भूमिका न हो। अपनी मेहनत, लगन व बुद्धि कौशल के लिए प्रसिद्ध अग्रवाल समाज के लोग जहां भी है वे सब उन्हीं महाराज अग्रसेन के वंशज हैं।
     वैश्य अग्रवाल परम्परा के पितृ पुरुष महाराज अग्रसेन कलयुग के प्रथम नरेश थे। महाराजा परिक्षित का राज्याभिषेक उनके पश्चात ही हुआ। ईशा से 3102 वर्ष पूर्व यानि आज से लगभग 5117 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र में जब महा भारत का समर आरम्भ हुआ उस समय बालक अग्रसेन किशोरावस्था में थे। यानि उनका जन्म आज से 5132-33 वर्ष पूर्व आश्विन शुक्ल प्रतिपदा (प्रथम शारदीय नवरात्र के दिन) हुआ।
     इश्वाकु कुल के महाराज वल्लभदेव के पुत्र के रूप में जन्मे महाराज अग्रसेन का जीवन सदा लोक कल्याण में ही बीता। उन्होंने राज्य में शान्ति स्थापना हेतु क्षत्रिय वृत्ति को त्याग कर वैश्य वंश की स्थापना कर पशु-बलि की कुप्रथा का अन्त किया। रामचरित मानस की चौपाई जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप अवसि नरक अधिकारी उनके राज्य का आदर्श था।
     वचपन से ही मेधावी और पराक्रमी अग्रसेन जी नारी सम्मान, सुरक्षा व परामर्श के पक्षधर थे। राज्य में अकाल पडने पर महारानी माधवी के परामर्श पर उन्होंने नहर खुदवा कर सूखी जमीन की प्यास बुझाई। गणतांत्रिक व्यवस्था के पक्षधर महाराज अग्रसेन ने राज्य के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली एक समिति बनाई जिसकी सहमति से ही राज्य के नियम व योजनाएं बनाई जाती थीं। यज्ञ में हिंसा का सर्वथा त्याग कर राज्य की प्रजा को केवल शुद्ध सात्विक व शाकाहारी भोजन की ओर लौटाया। मांसाहार को पूर्णत: निषेध घोषित कर अहिंसा और सत्य को राज्य का सबसे बढा धर्म बनाया। उनका मानना था कि राज्य की रक्षा का कार्य सिर्फ़ क्षत्रिय वर्ग तक सीमित न रहे अत: देश के हर नागरिक के लिए अनिवार्य शस्त्र शिक्षा देकर राष्ट्र रक्षार्थ सभी को सर्वथा तत्पर रहने के लिए प्रेरित किया। उनके राज्य में सभी को शस्त्र धारण करने का अधिकार था।
     समयानुसार युवावस्था में उन्हें राजा नागराज की कन्या राजकुमारी माधवी के स्वयंवर में शामिल होने का न्योता मिला। उस स्वयंवर में दूर-दूर से अनेकों राजा और राजकुमार आए थे। यहां तक कि देवताओं के राजा इंद्र भी राजकुमारी के सौंदर्य के वशीभूत हो वहां पधारे थे। स्वयंवर में राजकुमारी माधवी ने राजकुमार अग्रसेन के गले में जयमाला डाल दी। यह दो अलग-अलग संप्रदायों, जातियों और संस्कृतियों का मेल था। जहां अग्रसेन सूर्यवंशी थे वहीं माधवी नागवंश की कन्या थीं।
     महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत कहा जाता है। उनका मानना था कि किसी भी चीज का घोर अभाव और लाचारी व्यक्ति को अपराध की ओर प्रेरित करती है। इसलिए उन्होंने अभाव मुक्त और शौर्य युक्त समाज का निर्माण किया।  अपने क्षेत्र में सच्चे समाजवाद की स्थापना हेतु उन्होंने नियम बनाया कि उनके नगर में बाहर से आकर बसने वाले व्यक्ति की सहायता के लिए नगर का प्रत्येक निवासी उसे एक रुपया व एक ईंट देगा, जिससे आसानी से उसके लिए निवास स्थान व व्यापार का प्रबंध हो जाए। महाराजा अग्रसेन ने वैदिक सनातन आर्य(अग्र) सस्कृंति की मूल मान्यताओं को लागू कर राज्य के पुनर्गठन में कृषि-व्यापार, उद्योग, गौ-पालन के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की पुनः प्रतिष्ठा का बीड़ा उठाया।
     महाराज ने अपने राज्य को 18 गणों में विभाजित कर अपने 18 पुत्रों को सौंप उनके 18 गुरुओं के नाम पर इन गोत्रों की स्थापना की। हर गोत्र अलग होने के बावजूद वे सब एक ही परिवार के अंग बने रहे। इसी कारण अग्रोहा भी सर्वंगिण उन्नति कर सका। राज्य के उन्हीं 18 गणों से एक-एक प्रतिनिधि लेकर उन्होंने लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना की, जिसका स्वरूप आज भी हमें भारतीय लोकतंत्र के रूप में दिखाई पडता है।
     उन्होंने परिश्रम और उद्योग से धनोपार्जन के साथ-साथ उसका समान वितरण और आय से कम खर्च करने पर बल दिया। जहां एक ओर वैश्य जाति को व्यवसाय का प्रतीक तराजू प्रदान किया वहीं दूसरी ओर आत्म-रक्षा के लिए शस्त्रों के उपयोग की शिक्षा पर भी बल दिया।   
     उस समय यज्ञ करना समृद्धि, वैभव और खुशहाली की निशानी माना जाता था। महाराज अग्रसेन ने बहुत सारे यज्ञ किए। एक बार यज्ञ में बली के लिए लाए गये घोडे को बहुत बेचैन और डरा हुआ पा उन्हें विचार आया कि ऐसी समृद्धि का क्या फायदा जो मूक पशुओं के खून से सराबोर हो। उसी समय उन्होंने अपने मंत्रियों के ना चाहने पर भी पशू बली पर रोक लगा दी। इसीलिए आज भी अग्रवाल समाज हिंसा से दूर ही रहता है।    
     महाराज अग्रसेन ने 108 वर्षों तक राज किया। उनके जीवन के मूल रूप से तीन आदर्श हैं- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था, आर्थिक समरूपता एवं सामाजिक समानता। एक निश्‍चित आयु प्राप्त करने के बाद कुलदेवी महालक्ष्मी से परामर्श पर वे आग्रेय गणराज्य का शासन अपने ज्येष्ठ पुत्र विभु के हाथों में सौंपकर तपस्या करने चले गए।
     देश में जगह-जगह अस्पताल, स्कूल, बावड़ी, धर्मशालाएं आदि अग्रसेन के जीवन मूल्यों का आधार हैं और यह जीवन मूल्य मानव आस्था के प्रतीक हैं। आर्य यनि श्रेष्ठ शब्द से ही आगे सेठ शब्द बना जिस कारण अग्र बन्धुओं को सेठ भी बोला जाता है। स्वहित को परे रखकर जनहित के लिए समर्पित ऐसी महान विभूति को शत्‌-शत्‌ नमन‌।
    
पता : 329, संत नगर, पूर्वी कैलाश, नई दिल्ली-110065। चल दूरभाष : 9810949109

Saturday, March 28, 2015

रामलीला मैदान से निकली रामनवमी की विशाल शोभायात्रा

 प्रैस विज्ञप्ति


रामलीला मैदान से निकली रामनवमी की विशाल शोभायात्रा
राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बन कर रहेगा : प्रवीण भाई तोगडिया
नई दिल्ली। मार्च 28, 2015। इन्द्रपस्थ विश्व हिन्दू परिषद् के तत्वावधान में हिन्दू पर्व समन्वय समिति, दिल्ली एवं दिल्ली की विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा श्रीराम नवमी के पावन अवसर पर रामलीला मैदान से गंगेश्वर धाम, करोल बाग तक विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में सौ से अधिक विभिन्न स्वरूपों की झांकियां एवं भजन मण्डलियां सम्मिलित थीं। सर्वप्रथम हनुमान ध्वज के साथ खुली जीप में विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी व प्रमुख संत भगवा साफा बांधे चल रहे थे। तत्पश्चात, हाथी, घोडे, ऊंट व बाइक सवारों के साथ श्रीराम धुन बजाते अनेक बैण्ड-बाजों के बीच विविध रूपों की सुन्दर झाँकियां चल रही थीं। संतों की अगुवाई में चली शोभायात्रा में इस बार बौद्ध भिक्षुओं की सहभागिता, योग, यज्ञ तथा स्वच्छ भारत की झांकियाँ, मार्ग में रंगोली, सवा सौ स्वागत द्वार, देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए पांच विशाल मंच, विद्यालय के छात्रों की प्रस्तुतियों के साथ महिला सशक्तिकरण की अनूठी पहचान दुर्गा वाहिनी की घुड़सवार टोली तथा बजरंग दल का शौर्य प्रदर्शन यात्रा आकर्षण के केंद्र रहे।           
यात्रा को भगवा झंडी दिखाकर रवाना करते हुए विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डा प्रवीण भाई तोगडिया ने कहा कि अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बन कर रहेगा. “मन्दिर वहीँ, अयोध्या में कोई नई मस्जिद नहीं तथा बाबर के नाम पर भारत में कहीं नहीं” के संकल्प के साथ अब मंदिर निर्माण के निश्चित मार्ग “संसदीय कानून” का समस्त हिन्दू समाज प्रतीक्षा कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज राम नवमी के पावन दिन हम एक और संकल्प भी लें कि हम “छुआछूत मुक्त भारत” बनाएंगे. हम एक अनुसूचित जाति परिवार को मित्र बना कर “हिन्दू परिवार मित्र”, “हर गाँव में कुएं का पानी सब के लिए, मंदिर में प्रवेश सब के लिए, एक पंगत में भोजन सब के लिए तथा अंतिम संस्कार का स्थान सबके लिए” को सुनिश्चित करने हेतु काम करेंगे। हर जाति-विरादरी से मिलकर संतों के मार्ग दर्शन में छुआछूत मुक्त भारत बनाएंगे. दिल्ली के मेयर श्री योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि प्रत्येक राजधानी वासी को भगवान श्री राम के जीवन का कम से कम एक गुण अवश्य धारण करना चाहिए।
उदघाटन अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् के उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पूज्य स्वामी राघवानन्द ज़ी महाराज, स्वामी अनुभूतानन्द जी, तथा हिन्दू पर्व समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री ब्रजमोहन सेठी महा मंत्री श्री राम पाल सिंह ने भी संवोधित किया.
इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् - इन्द्रप्रस्थ के अध्यक्ष श्री रिखब चन्द जैन, महामंत्री श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव, हिन्दू पर्व समन्वय समिति के महामंत्री श्री राम पाल सिंह यादव, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के श्री मनोहर लाल कुमार, धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मांगेराम गर्ग, राष्ट्रवादी शिव सेना के अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल, दिल्ली संत महा-मंडल के महंत नवल किशोर दास, हनुमान वाटिका के पूज्य महंत श्री रामकृष्ण दास महात्यागी, श्री विवेक शाह जी महाराज, बजरंग दल दिल्ली के प्रान्त संयोजक श्री नीरज दोनेरिया, दुर्गा वाहिनी संयोजिका श्रीमती संजना चौधरी भी उपस्थित थे।
समिति के प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज की इस भव्य शोभायात्रा में सनातन धर्म  प्रतिनिधि सभा, भारत स्वाभिमान मंच, पतंजलि योग पीठ, अग्रोहा विकास ट्रस्ट, भारत तिब्बत सहयोग मंच, सनातन संस्था, आर्य समाज, जैन समाज, वाल्मीकि समाज, रवि-दास समाज, बौद्ध समाज सहित विभिन्न मत-पंथ सम्प्रदायों व मन्दिरों की झांकियां विविधता में एकता के दर्शन करा रहीं थीं। यात्रा मार्ग में सवा सौ स्वागत द्वार, देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए पांच विशाल मंच तथा विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी बेहद मन-मोहक थी।
रामलीला मैदान से प्रारम्भ होने के पश्चात यात्रा का आसफ अली रोड, दरियागंज, चांदनी चौक, टाऊन हाल, खारी बावली, सदर बाजार, पहाडी धीरज, एम.एम. रोड, माडल बस्ती आदि क्षेत्रों में भव्य स्वागत हुआ। दोपहर दो बजे रामलीला मैदान से प्रारम्भ हुई यह विशाल यात्रा रात्रि लगभग 8.00 बजे गंगेश्वर धाम, करोल बाग में पूज्य स्वामी आनंद भास्कर जी महाराज के आशीर्वचन से सम्पन्न हुई।
भवदीय

विनोद बंसल, 

प्रवक्ता

विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली 

9810949109



Ram Navami Shobha Yatra - 2015

                  


Press Release

Ram Navami Shobha Yatra


New Delhi. March 28, 2015
The procession of Shri Ram Navami was arranged with great zeal under the guidance of Indraprastha Vishwa Hindu Parishad by Hindu Parva Samanvaya Samitee and other religious, cultural, social & educational institutions of Delhi. More than hundred Jhankis (tabloids) & Bhajan Mandalis were decorated by devotees. Jhankis of Bhagwan Shri Ram killing the demons, Swachh Bharat, Yoga & Yagn were worth seeing. Rangoli, 125 welcome gates, five cultural stages performing cultural programes, Durga Vahini girls riding horses and Bajrang dal depicting youth strength were also the points of attraction enroute. Office bearers of different institutions were seen with saffron turban in an open jeep preceded by Shri Hanuman Dhwaja (flag) and followed by well decorated 21 horses and 51 odd bikes with band parties playing Sri Ram Dhun, singing and dancing.

International working president-VHP Dr. Pravin Bhai Togadia, vice president shri Om Prakash Singhal, Swami Raghawanand ji, swami Anubhutanand ji, president of the Hindu Parwa Samanwaya Samitee shri Brij Mohan Sethi, Gen sec. shri Ram Pal Singh Yadav, chairman Sanatan Dharm Pratinidhi Sabha shri Manohar Lal Kumar and other saints and dignatories ignited Lamps to inaugurate the procession.

Speaking on the occasion, Dr Togadia said that nobody in the world could stop us to build glorious temple on the birth place of lord Ram. We are firm on our stand “Mandir vahin, Ayodhya men nai maszid nahin aur Babar ke naam par Bhaarat men kahin nahin”(Temple at the birth place of lord Ram, No new mosque in Ayodhya and No mosque in the name of Babar in anywhere in Bharat). Hindus are waiting for the parliamentary law, which is the only way to build the glorious Ram Temple in Ayodhya, he added. We make “untouchable free Bharat” with the blessings of saints and with the cooperation of the leaders of different casts. The “Swarn Drishti path-2025” recently launched by VHP would prove a mile stone to eliminate untouchability from the country of lord Ram.

The President of Indraprastha Vishwa Hindu Parishad Shri Rikhab Chand Jain, General secretary shri Ram Krishna Srivastava, general secretary of Delhi Sant Mahamandal Mahant shri Naval Kishore das Ji Maharaj, Vivek Shah ji Maharaj, Ram Krishna Das Mahatyagi ji and the state convener of Bajrang Dal shri Neeraj Doneria along with number of Saints, sages and representatives of various organizations  have threw light on the incarnation of Bhagwan Shri Ram.

Yatra was started at 2Pm from Ram Leela Maidan and ended at Gangeshwar Dham Karol Bagh. Thousands of People gathered at various places such as Ashafali Road, Dariyaganj, Chandani Chowk, town hall, Bara tuti etc to welcome the Yatra.


REGARDS



VINOD BANSAL
(Spokesperson)
VISHWA HINDU PARISHAD Delhi
M - 98109 49109
ivhpmedia@gmail.com



Tuesday, March 18, 2014

विहिप का प्रतिनिधि मण्डल चुनाव आयोग से मिला




मुस्लिम तुष्टीकरण व आचार संहिता के उल्लंघन के विरुद्ध की शिकायत
    
नई दिल्ली मार्च 18, 2014। विश्व हिन्दू परिषद का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल आज भारत के चुनाव आयोग से मिला। यह प्रतिनिधि मण्डल यूपीए नीति केन्द्र सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति और चुनाव आचार संहिता के गंभीर उल्लंघन के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने हेतु गया था।
विहिप का कहना है कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने 5 मार्च, 2014 को एक अधिसूचना के द्वारा दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित 123 सम्पत्तियों को वक्फ बोर्ड के हवाले करने का जो निर्णय लिया है वह न केवल अवैधानिक है अपितु, आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन भी है। इन सम्पत्तियों में वायुसेना के वायरलैस स्टेशन व उप-राष्ट्रपति निवास में स्थित सम्पत्ति भी शामिल है। इनकी संवेदनशीलता पर भी विचार न करते हुए जिस अफरातफरी में यह अधिसूचना जारी की गई, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इस आदेश का एक मात्र उद्देश्य मुस्लिम वोट बैंक को आकर्षित करना है। इस वोट बैंक को लुभाने के लिए यह सरकार इतनी उतावली हो रही थी कि वह यह भी विचार नहीं कर पाई कि उसी दिन आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई थी और सरकार का यह निर्णय चुनाव आयोग के आदेश का सीधा-सीधा उल्लंघन है।
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल के नेतृत्व में गए इस प्रतिनिधि मण्डल में संगठन के अंतर्राष्ट्रीय महा मंत्री श्री चंपत राय, केन्द्रीय मंत्री डा सुरेन्द्र जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक अग्रवाल, प्रान्त महा मंत्री श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव व प्रान्त मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल भी सामिल थे।
मुस्लिम वोट बैंक के लिए यह सरकार न्यायपालिका को तो धोखा देने की कोशिश करती ही रही थी, अब उन्होंने चुनाव आयोग को भी ठेंगा दिखाने की हिमाकत की है। विश्व हिंदू परिषद् ने इस सम्बंध में महामहिम राष्ट्रपति को भी एक पत्र लिखा था। किन्तु, उसका भी इस सरकार पर कोई प्रभाव न देखकर विहिप ने आज चुनाव आयोग से अपील की है कि आदर्श आचार संहिता की अवहेलना के  इस मामले में हस्तक्षेप कर इस अधिसूचना पर रोक लगाये, सत्तारूढ़ कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों की मान्यता रद्द करे और यह स्थापित कर दे कि भारत में अराजकता नहीं,  कानून का राज्य चलता है।
ये सभी सम्पत्तियां 1911 से 1915 के बीच में अधिगृहित की गई थीं। किन्तु, 1970 में दिल्ली वक्फ  बोर्ड ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए इन सभी सम्पत्तियों को वक्फ सम्पत्ति घोषित कर दिया। 1974 में भारत सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जिसकी अध्यक्षता वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष  को ही सौंपी गई। यह केवल अराजक देशों में ही देखने को मिलता है कि अपराधी को अपने अपराध की जांच खुद ही करने को कहा जाए। इस कमिटी ने भी लिखा कि दो सम्पत्तियों के स्थानों की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें वहां घुसने भी नहीं दिया गया। इस सब के बावजूद, कांग्रेस सरकार ने ये सभी सम्पत्तियां वक्फ के हवाले कर दीं। 1984 में विहिप-दिल्ली की अपील पर सुनवाई करते हुए इस आदेश पर मा.दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया था । इस मामले के आगे बढ़ने पर उच्च न्यायालय ने दिनांक 12-01-11 को आदेश दिया कि "भारत सरकार इस मामले पर पुनर्विचार कर 6 माह में निर्णय ले और तब तक स्थगन आदेश लागू रहेगा।"
दो साल से भी अधिक  समय तक इस मामले पर सोती रही  यह सरकार चुनावों की सुगबुहाट पर जाग गई और न्यायपालिका के आदेश की अवहेलना करते हुए और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए देश की इन सम्पत्तियों  को वक्फ के हवाले कर दिया।  कांग्रेसनीत यूपीए सरकार यह तर्क दे रही है कि इन सम्पत्तियों का मुआवजा देकर अधिग्रहण करने वाली सरकार अंग्रेजो की थी तो मुस्लिम आक्रांताओं  द्वारा मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिद कुव्वत ऐ इस्लाम, कृष्ण जन्मभूमि व काशीविश्वनाथ मंदिर भी अविलम्ब हिंदू समाज के हवाले करना चाहिए। एक धर्मनिरपेक्ष सरकार द्वारा हिंदू-मुस्लिम में भेदभाव करना न केवल असंवैधानिक है अपितु अनैतिक भी है।
विहिप ने आज चुनाव आयोग से अपील की कि त्वरित कार्यवाही करते हुए वह इस असंवैधानिक निर्णय पर रोक लगाए जिससे लोकतंत्र की रक्षा की जा सके। इसके अलावा विहिप की भारत के मतदाताओं से भी अपील है कि चंद वोटों के लिए देश बेचने वालों को आगामी चुनावों में ऐसा सबक सिखाएं कि फिर कोई हमारे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ न कर सके।

VHP meets ECI for Violation of Model Code of Conduct by UPA



VHP meets ECI for Violation of Model Code of Conduct by UPA
New Delhi. March 18, 2014. A High level Delegation of Vishwa Hindu Parishad (VHP) today meets the Election Commission of India & complained him against Muslim appeasement policies of the UPA Govt. and violation of Model code of conduct.
The six member delegation lead by the international vice president shri Om Prakash Singhal, which comprised of the int’l secretary general shri Champat Rai, central secretary Dr. Surendra Jain, learned counsel shri Alok Agrawal, state secretary general shri Ram Krishna Srivastav & Media Chief shri Vinod Bansal, submits a memorandum to the ECI in this regard.
Issuing gazette notification no. SO661(E) by the Govt. of India to withdraw from acquisition of 123 Govt. properties in Delhi and surrendering them to Delhi Wakf board(DWB) on March 5, 2014 is not only un-constitutional but amounts to clear violation of the Model Code of conduct. Amongst the properties are (i) property in wireless station and (ii) the Vice-Presidential Estate. Ignoring the strategic importance of these properties, issuing this notification hurriedly, clearly shows that its main aim was to woo the Muslim voters, said VHP.
The UPA Govt. who usually ignored our judiciary, now dared to challenged the Election commission also. VHP also wrote to the President of Bharat in this regard. Today we appealed the election commission that for violation of Model code of conduct by the UPA Govt, not only this notification be withdrawn but also the Congress & its Govt. allies be debarred from fighting this general election.
All these properties were acquired for the new capital of Delhi in the years 1911-1915. As per the Govt. records, the acquisition was completed, possession taken and all these properties were put under the control and management of the DDA/L&DO. Even though, in 1970, exceeding its constitutional authorities, the DWB unilaterally declared these properties as Wakf properties. In 1974, when Govt. constituted a committee to investigate into the matter, the DWB chairperson was appointed as the chairman of the investigating Committee. This could not be seen anywhere in the world that culprit is being appointed as an investigator for the crime committed by himself. It is noteworthy, the Committee claimed that it was not allowed to enter into the two properties situated in protected areas. Even after all this, the Govt. handed over these properties to DWB, however on the petition of Indraprastha Vishwa Hindu Parishad, the High Court of Delhi had stayed the order in the same year 1984.After a long battle of 27 years, on Jan 12, 2011, the High Court ordered  that Govt. should rethink in the matter within six months and our stay order would be continued.
After two years of deep sleep, the Muslim Vote bank suddenly awakened the UPA Govt. and ignoring judicial order and violating Model Code of Conduct, all such properties were surrendered to DWB on the same day when the elections were declared. VHP today appealed the election commission to ban the notification and debar Congress & its Govt. allies from fighting these general elections. VHP appeals to the country to teach a lesson to all those, who are playing with our democracy & national interests, in greed of votes.

Thursday, February 27, 2014

महा शिव रात्रि पर रचाया ॠषि बोधोत्सव यज्ञ



नई दिल्ली फ़रवरी 27, 2014। महा शिव रात्रि के पावन पर्व पर आज आर्य समाज संत नगर में ॠषि दयानन्द बोधोत्सव यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए आर्य समाज संत नगर के कार्यकारी प्रधान व विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने महा शिव रात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज ही के दिन ॠषि दयानन्द को शिवालय में रात्रि भर जाग कर बोध प्राप्त हुआ और अपना सर्वस्व त्याग कर समाज कल्याण की ओर निकल पडे। जिस प्रकार भगवान शंकर ने लोक कल्याण के लिए जहर को अपने कंठ में धारण किया उसी प्रकार मूल शंकर(स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम) ने भी अनेक प्रकार की यातनाएँ झेल कर न सिर्फ़ विश्व में व्याप्त सामाजिक बुराइयों का अन्त किया बल्कि मुगलों व ईसाइयों के द्वारा फ़ैलाए जा रहे धर्मांतरण के षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश कर हिन्दू समाज को आर्यत्व की ओर मार्ग-दर्शित किया। आज आवश्यकता है कि सत्यार्थ प्रकाश के त्रयोदश व चतुर्दश समुल्लास का सघन प्रचार कर देश को धर्मांतरण की विभीषिका से मुक्ति दिलाएँ।

दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट आफ़ कैलाश स्थित संत नगर आर्य समाज मन्दिर में आज प्रात: काल आयोजित ॠषि बोधोत्सव यज्ञ के उपरान्त बोलते हुए वैदिक विदुषी श्रीमती विमलेश आर्या ने कहा कि ॠषि दयानन्द विलक्षण प्रतिभा के धनी थे उन्ही की कृपा से आज महिलाएं ब्रह्मा बनकर न सिर्फ़ यज्ञों का संचालन कर रही हैं बल्कि गार्गी बनकर सत्य सनातन वैदिक संदेश घर-घर पहुँचा रही हैं।

इस अवसर पर आर्य समाज मंदिर के कोषाध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सूद, सह कोषाध्यक्ष श्री विनोद कौशिक, संरक्षक श्री जगदीश गांधी, श्री गिरधर, श्रीमती कल्पना शर्मा, हितेश, निम्मी, कुसुम व  कु विदुषी सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रख कर शिवत्व के माध्यम से कृणवन्तो विश्वमार्यम की ओर बढने का संकल्प लिया।

भवदीय
विनोद बंसल,
मीडिया प्रमुख
इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली
मो - 9810949109

Tuesday, February 25, 2014

बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ने हेतु बजरंग दल का देश व्यापी प्रदर्शन









देश की सुरक्षा और संसाधन संकट में : प्रकाश शर्मा 
 नई दिल्ली, फरवरी 25, 2014। बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा पार करने की मांग को लेकर आज बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आज देश भर में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्वोधित करते हुए ज्ञापन सौंपा। दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारीयों को सम्वोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट प्रकाश शर्मा  ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति की कटु आलोचना करते हुए कहा की सन्‌ 2005 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा  एक एक बांग्लादेशी को चुन चुन कर भगाने संबंधी स्पष्ट निर्णय के बावजूद लगभग पांच लाख बांग्लादेशी आज भी देश की सुरक्षा तथा संसाधनों पर खतरा बने हुए हैं. उन्होंने मांग की कि भारत सरकार इन सभी घुसपैठियों को शीघ्रताशीघ्र भारत की पवित्र भूमि से अलग करे जिससे भारतवंशी चैन की नींद सो सकें. प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधि मण्डल ने महा-महिम राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भी सौंपा।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर के अलावा बजरंग दल द्वारा आज देश के प्रत्येक जिला केंद्र पर इसी विषय को लेकर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति  को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन दिया गया।
बजरंग दल के प्रांत संयोजक श्री शिव कुमार के नेतृत्व में आए दल के कार्यकर्ताओं ने हाथों में भगवा ध्वज, बैनर व प्ले कार्ड लिए हुए थे।  बजरंग दल के कार्यकर्ता "प्रधान मंत्री जागो जी, घुसपैठियों को भगाओ जी", "घुसपैठिए भगाओ - देश बचाओ', 'बजरंग दल करता यह मांग, घुसपैठियों से बचाओ जान", "प्रधान मंत्री शर्म करो, शर्म करो, शर्म करो', जैसे नारे लगाते हुए बेहद रोष में दिखे।
प्रदर्शनकारियों में विहिप दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री अशोक कपूर, बजरंग दल के श्री नीरज दोनेरिया, श्री नीरज गुप्ता, श्री श्याम कुमार, श्री राकेश पाण्डे, श्री जसवीर चौहान, श्री जगजीत गोल्डी, श्री रवि पाण्डे व श्री दीपक सिंह सहित अनेक  पदाधिकारी सामिल थे।
भवदीय

विनोद बंसल,
मीडिया प्रमुख
इंद्र्प्रस्थ विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली
मो 9810949109