प्रेस विज्ञप्ति
भगवान राम और रामायण को कलंकित करने से बाज आएं : विहिप
नई दिल्ली अक्टूबर 23, 2011। विश्व हिन्दू परिषद ने आज कहा है कि जो लोग ए के रामानुजन के राम द्रोही व रामायण द्रोही लेख को दिल्ली विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रम से हटाये जाने का विरोध कर रहे हैं वे हिन्दू विरोधी मानसिकता के शिकार हैं। विहिप दिल्ली के महा मंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये लोग यदि हिन्दू धर्म के मान बिन्दुओं का उपहास करने से बाज नहीं आए तो विहिप-बजरंग दल दिल्ली के कार्यकर्ता सडकों पर उतरने को मजबूर होंगे।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज विहिप दिल्ली की एक बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि हिन्दू धर्म के आदर्श व मान-बिन्दुओं का उपहास उडाना आज एक फ़ैशन सा बनता जा रहा है। जब बात भगवान श्रीराम, माता सीता, बजरंगबली हनुमान या रामायण के अपमान की होती है तो और असहाय हो जाती है। प्रस्ताव में जहां सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार विश्व विद्यालय के इतिहास ऑनर्स के छात्रों को रामानुजम के लेख “रामायण के 300 लेख” को न पढाए जाने का स्वागत किया गया है वहीं इस लेख का समर्थन करने वालों को नसीहत दी है कि वे अपनी हिन्दू द्रोही मानसिकता को त्याग कर विद्यार्थियों को संस्कार युक्त शिक्षा के बारे में सोचें। अन्यथा उन्हें रामायण के अपमान के लिए विश्व भर के हिन्दुओं के कोप का भाजन बनना पडेगा।
श्री बंसल ने बताया कि इस लेख में रामायण में सीता को रावण की बेटी बताने के साथ कई घोर आपत्तिजनक बातें लिखी हैं जिनका वर्णन तक नहीं किया जा सकता है। आखिर विश्व का कौनसा व्यक्ति अपने आराध्य के विषय में की गई अश्लील व ऊल जलूल मनढंत बातों को सहन करेगा। ऐसे व्यक्तियों को यदि अविलम्ब नहीं रोका गया तो दिल्ली की जनता इनका तीव्र विरोध करेगी।
विहिप के झण्डेवालान स्थित कार्यालय में आज हुई इस बैठक में विहिप के प्रान्त उपाध्यक्ष श्री महावीर गुप्ता, संगठन मंत्री श्री करुणा प्रकाश, बजरंग दल प्रान्त संयोजक एडवोकेट शैलेन्द्र जायसवाल, सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
भवदीय
विनोद बंसल
मीडिया प्रमुख,
इन्द्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद-दिल्ली
संपर्क : 9810949109
Press Statement
VHP WARNED AGAINST BLASPHEMOUS CHAPTER IN DU
New Delhi. VHP today warned those who are opposing SC decision on removal of the blasphemous essay ‘Three Hundred Ramayanas: Five Examples and Three Thoughts on Translation.’ It was a part of the syllabus for BA (Hons) History students of Delhi University. Those who have been hurt by the decision are anti hindu playing at the behest of Christian Missionaries, said VHP state general secretary shri Styendra Mohan. We will start an agitation if any thing goes against our Dharma, culture & values in educational institutions he added.
According to the Media chief of VHP Delhi shri Vinod Bansal a resolution has been adopted in a meeting conveyed today in its state head quarters in Jhandewalan, New Delhi. It states that making mockery of Hindu symbols are becoming a fashion now a day. We can not tolrate it. On one hand, we welcome the SC decision on the issue where as we warns those who are still against removal of the essay and demanding it back. We suggest opponents to concentrate on the value based studies rather then telling lie to the students otherwise Hindus will bound to teach them a lesson in a democratic way, the resolution added.
It is to recall that as a major victory for the Shiksha Bachao Andolan Samiti, the Delhi University on October 10 withdrew the blasphemous essay on Ramayana from history textbook. The essay written by AK Ramanujan contained derogatory, defamatory and offensive language against Hindu gods and goddesses. The essay ‘Three Hundred Ramayanas: Five Examples and Three Thoughts on Translation,’ was part of the syllabus for BA (Hons) History students.
The state Vice President shri Mahavir Prasad, the state Organising sec, shri Karuna Prakash, Bajrang Dal convenor advocate Sailendra Jaiswal were amongst the VHP office bearers present in the meeting.
Regards
Vinod Bansal
Media Chief
Indraprastha Vishwa Hindu Parishad-Delhi Mobile : 9810949109
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