Sunday, November 13, 2011

नई दिल्ली। गुरु नानक देव जी प्रेम, शान्ति व आध्यात्मिक शक्ति वाले एक दिव्य पुरुष थे। वे लोक मंगल के लिए इस धरती पर उतरने वाले एक ऐसे महात्मा थे जिन की वाणी के बिना कोई भी सत्संग अधूरा सा लगता है। गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर आयोजित यज्ञ के अवसर पर बोलते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख व आर्य समाज संत नगर के कार्यकारी प्रधान विनोद बंसल ने कहा कि लगभग 542 वर्ष पूर्व तलबंडी (ननकाना साहिब) के एक हिन्दू खत्री परिवार में जन्मे गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन समाज व राष्ट्र कल्याण में लगा दिया। गुरु नानक जयंती के अवसर पर दक्षिणी दिल्ली स्थित आर्य समाज-संत नगर ने आज एक नानकवाणी यज्ञ का आयोजन किया। इस अवसर पर आर्य विदुषी श्रीमती विमलेश आर्या ने कहा कि नानक के पद गुरु ग्रंथ साहिब व उनकी रचना जपुजी साहिब, असादीवार, रहिरास तथा सोहिल जैसे ग्रंथों में वेद, उपनिषद, रामायण, श्रीमद भागवद्गीता व महाभारत आदि सभी का समावेश है। यज्ञ के पश्चात कुमारी वाणी ने जहां गुरु नानक देव जी की महानता का परिचय देते हुए दिल्ली स्थित नानक प्याऊ के महत्व का वर्णन किया तो वहीं श्रीमती गुरमीत कौर, श्रीमती खुशबू व कुमारी विदुषी ने शबद गाया। इस अवसर पर आर्य समाज के संरक्षक राम किशन, सह-कोषाध्यक्ष विनोद कौशिक, जसबंत राय, संत लाल सहित अनेक लोगों ने यज्ञ में विशेष आहुतियां दीं तथा गुरु नानक देव जी के जीवन तथा कार्तिक पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसमें समाज के हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

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