धर्मात्मा व वीर माता थीं माता अमृता रानी कुमार: सिंहल
विहिप उपाध्यक्ष को मातृ शोक
नई दिल्ली नवम्बर 16,
2012| विश्व हिन्दू परिषद
दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार की पूज्य माता श्रीमती अमृता रानी कुमार का
दीपावली से चार दिन पूर्व नौ नवम्बर को दिल्ली में निधन हो गया। पश्चिमी दिल्ली के
शालीमार बाग में रहने वाली 90 वर्षीया श्रीमती कुमार अपने पीछे दो पुत्र व तीन पुत्रियां
छोड गई हैं। उनकी स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए विहिप के
अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल ने कहा माता अमृता रानी सच्चे
अर्थों में एक धर्मात्मा थीं जो धार्मिक गतिविघियों में न सिर्फ़ स्वयं सदा अग्रणी
रहती थीं बल्कि पूरे परिवार को प्रेरणा देती रहती थीं। भगवान श्री कृष्ण की वे
अनन्य भक्त थीं।
श्रीमती अमृता रानी
कुमार के बारे में बताते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने
बताया कि भारत विभाजन की विभीषिका को उन्होंने हिम्मत के साथ झेला और मुस्लिम
आताताईयों के हमले से अकेले लडते हुए मात्र तीन वर्षीय श्री अशोक कुमार को छाती से
लगा कर पाकिस्तानी हैबानों से बचाकर भारत लाईं। दरिंदों के कत्लेआम से बचने के लिए
अपना सब कुछ पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के सर्वोधा में ही छोड वे तो किसी तरह
बच्चों को लेकर भारत आ गईं किन्तु इस दौरान उनके पति बिछुड गए। आठ महीनों के अथक
प्रयास के बाद, जब सभी आस खो चुके थे, उन्होंने अपने बिछुडे हुए पति को भी लाखों
शरणार्थी शिविरों में से खोज निकाला। आतंकवादियों ने एक बार बालक अशोक कुमार पर
गोली चलाई तो माता ने दौड कर पुत्र को तो बचा लिया किन्तु उनका पैर लहू लुहान हो
गया।
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