Sunday, December 30, 2012

पूर्ण नशाबन्दी व अनिवार्य नैतिक शिक्षा ही सच्ची श्रद्धांजलि : विहिप






नई  दिल्ली, दिसम्बर 30,2012. देश में लगातार बढ रही महिला उत्पीडन की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने नैतिक शिक्षा की अनिवार्यता और देश में पूर्ण नशा बन्दी को अनिवार्य कदम बताया है। विहिप द्वारा राजधानी दिल्ली के आठ विभिन्न स्थानों पर बलात्कार की शिकार युवती की मृत्यु पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति व व्यवस्था परिवर्तन हेतु हवन-यज्ञ, सत्संग व कीर्तन का आयोजन किया गया। दक्षिणी दिल्ली के जीके-2 स्थित श्री सनातन धर्म मन्दिर में हिन्दू हित चिन्तकों व समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के समक्ष दिल्ली में घटी शर्मनाक घटना का जिक्र करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट प्रकाश शर्मा ने कहा कि देश में अनिवार्य नैतिक शिक्षा, पूर्ण नशा बन्दी व त्वरित न्याय व्यवस्था से ही इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि देश की राजधानी को शर्मसार करने वाली घटना पर छोभ व शोक व्यक्त करने, दिवंगत आत्मा की शांति व व्यवस्था परिवर्तन हेतु आवाज बुलन्द करने के लिए आज दिल्ली के दर्जन भर स्थानों पर विहिप की प्रेरणा से हिन्दू हित चिंतकों द्वारा हवन-कीर्तन, सत्संग-भजन व शोक सभाओं का आयोजन किया गया। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फ़ेस-2, न्यू अशोक नगर, शिव विहार, नन्द नगरी व मण्डावली, पश्चिमी दिल्ली के पालम तथा दक्षिणी दिल्ली के महरोली, पुल प्रहलाद पुर व कालकाजी सहित अनेक स्थानों पर आयोजित इन कार्यक्रमों में हजारों लोगों ने भाग लिया। उपस्थित जन समूह ने पुलिस, प्रशासन व सरकारी मशीनरी की पूर्ण विफ़लता पर शान्ति पूर्ण विरोध दर्ज कराते हुए व्यवस्था परिवर्तन की मांग दोहराई।
   विहिप के प्रान्त उपाध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद, श्री दीपक कुमार, सरदार उजागर सिंह, बृज मोहन सेठी व श्री गुरदीन प्रसाद रुस्तगी, महा मंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन, मंत्री श्री राम पाल सिंह, सगठन मंत्री श्री करिणा प्रकाश, प्रान्त मातृ शक्ति संयोजिका श्रीमती सिम्मी आहूजा, दुर्गा वाहिनी संयोजिका श्रीमती संजना चौधरी व मीडिया टोली के श्री मनीश राय सहित अनेक गणमान्य लोगों ने सम्बोधित किया।
सभी ने एक स्वर से आवाज बुलन्द की कि केन्द्र व दिल्ली की सरकार अपने निजी स्वार्थों को सीमा में रखकर प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करें अन्यथा सरकारी निकम्मेपन का खामियाजा पूरे देश को भुगतना पडेगा। लोगों में इस बात पर भी एक राय थी कि यदि राजधानी में कानून व व्यवस्था की स्थिति तथा विभिन्न विभागों में तालमेल ठीक होता तो न सिर्फ़ युवती की जान वल्कि उसकी इज्जत को भी बचाया जा सकता था।

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