नई दिल्ली जुलाई 04,
2013. ओडीशा
के कंधमाल जिले के पादरी अजय कुमार सिंह को राष्ट्रीय अल्प-संख्यक
आयोग द्वारा सम्मानित किए जाने की खबर से विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल
सहित अनेक हिन्दू संगठनों में तीखी नाराजगी है। विहिप दिल्ली के महा
मंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने इस सम्बन्ध में एक पत्र राष्ट्रीय अल्प
संख्यक आयोग को भेजकर चेताया है कि कंधमाल जिले और उसके आसपास के क्षेत्र में धर्मातरण की गति विधियों तथा स्वामी लक्ष्मणा नन्द सरस्वती की ह्त्या के सन्दर्भ में इस पादरी की अहम भूमिका रही है। साथ ही स्थानीय जन जातीय व आदिवासी समुदाय की जमीन हडपने से भी वहां के समुदाय में इसके प्रति गहरा रोष व्याप्त है। अत: ऐसे समाज द्रोही को यदि सम्मानित किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
पत्र की प्रति मीडिया को जारी करते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज जब हमें मीडिया के द्वारा यह ज्ञात हुआ कि पादरी आजय कुमार सिंह को राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग सम्मानित करने जा रहा है तो हमें गहरा धक्का लगा। हमने तुरंत आयोग से संपर्क कर पूछा कि अल्प संख्यक अधिकार दिवस पर आप जिस व्यक्ति को सम्मानित करने जा रहे हैं उस पर कंधामाल और उसके आसपास रहने वाले जन जातीय लोगों की जमीन हडपने, उन्हें लोभ, भय व प्रताडना द्वारा धर्मान्तरित करने तथा कंधमाल के प्रमुख संत स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती की ह्त्या का षडयन्त्र रचने के गंभीर आरोप हों तो उसका सम्मान क्यों?
महत्त्व पूर्ण बात यह है कि आयोग के माँगने पर पादरी अजय कुमार के संदर्भ में जो रिपोर्ट ओड़िसा सरकार ने दी है वह भी अपने आप में बेहद गंभीर है। गत माह भेजी इस रिपोर्ट में कंधमाल के जिलाधीश श्री बी एस पूनिया ने यहां तक कहा है कि यदि इसे सम्मानित किया गया तो जिले में "सांप्रदायिक सौहार्द" पर "विपरीत प्रभाव" होंगा। इसके अलावा जिले के डी एस पी, डी आई बी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए आयोग को चेताया है। इसके बावजूद आयोग जन जातियों व बहु संख्यक हिन्दू समाज की भावना से खिलवाड करना चाह रहा है। विहिप के आयोग को चेताया है की यदि इस पादरी का सम्मान किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे तथा हम इसका लोकतांत्रिक रूप से विरोध करेंगे।
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