Monday, December 10, 2012

पाक हिन्दुओं के लिए बजरंग दल पहुंचा विश्व मानवाधिकार आयोग विश्व मानवाधिकार दिवस पर किया मूक प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन



पाक हिन्दुओं के लिए बजरंग दल पहुंचा विश्व मानवाधिकार आयोग
विश्व मानवाधिकार दिवस पर किया मूक प्रदर्शन, सौंपा  ज्ञापन
नई दिल्ली। दिसम्बर 10, 2012 विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर बजरंग दल के नेतृत्व में पाकिस्तान से आए हिन्दुओं ने मुंह पर काली पट्टी बाँध मूक प्रदर्शन किया तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के महा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर बोलते हुए विश्व ह्हिंदु परिषद् दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री ब्रज मोहन सेठी ने कहा की  पाकिस्तान में हिन्दूओं का जबरन धर्मांतरण, महिलाओ का अपहरण, उनका शोषण, धार्मिक स्थलों पर आक्रमण, सामाजिक भेदभाव, संपत्ति हड़पना जैसी घटनाए आम हो गयी है। वहां का गरीब हिंदू बंधुआ मजदूरों की तरह जीने को मजबूर है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से मांग की कि इस बाबत तुरंत कार्यवाही कर हिन्दुओं का उत्पीडन रोका जाए।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज पाकिस्तान से आए हिन्दुओ के जत्थे को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ता  दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सन्युक्त राष्ट्र कार्यालय पहुंचे तथा मुंह पर काली पट्टी व हाथों में प्ले कार्ड तथा भगवा झंडे लिए प्रदर्शन किया।  बाद में विहिप उपाध्यक्ष श्री सेठी, बजरंग दल के प्रांत संयोजक श्री शिव कुमार व श्री विष्णु गुप्ता के नेतृत्व में गए एक प्रतिनिधि मंडल ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महा मंत्री के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन में मांग की गई है कि हिन्दुओं के उत्पीडन के विरुद्ध शीघ्र कार्यवाही की जाए तथा पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए। इसके अलाबा इस बात की भी व्यवस्था की जाए कि विश्व के किसी भू भाग पर किसी भी हिन्दू पर अमानवीय अत्याचार न हों तथा उनके मानवाधिकारों की रक्षार्थ संयुक्त राष्ट्र संघ खडा हो।
प्रदर्शन में बजरंग दल के प्रांत पूर्णकालिक श्री नीरज दोनेरिया, विभाग संयोजक श्री दीपक सिंह व् श्री श्याम कुमार, जिला संयोजक श्री सतवीर तथा शह संयोजक श्री किशन बेसोया, अखंड हिन्दुस्थान मोर्चे के कार्याध्यक्ष श्री संदीप आहूजा, समाज सेवी मुकेश शर्मा, राकेश गोरखा  व प्रशांत पटेल सहित अनेक लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर पाकिस्तान से आए पीड़ित लोगों में से 20 वर्षीय जमुना ने कहा मुस्लिम कट्टरपंथियों के डर के मारे उसने पाकिस्तान में कभी किसी विद्यालय का मुंह नहीं देखा। सिंध प्रांत की रहने वाली 70 वर्षीया श्रीमति लक्ष्मी देवी अपनी आँखों में आंसू भरकर पुरानी यादो को ताजा करते हुए कहती हैं कि पिछले चालीस वर्षों से तो मुझे याद नहीं की हमने कभी पाकिस्तान में होली, दिवाली या कोई अन्य हिन्दू त्यौहार धूम धाम से मनाया हो।  हमारे सभी त्यौहार और मंदिर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भेंट चढ़ चुके हैं। उन्होंने  कहा की हमें तो वहां हिन्दू रीति - रिवाज से अंतिम संस्कार तक का अधिकार नहीं है।  

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