Sunday, June 16, 2013

दुर्गा वाहिनी ने सिखाए बालिकाओं को आत्म रक्षा के गुर, मातृ शक्ति शिविर आज से






नई दिल्ली, जून 16, 2013बालिकाएं समाज में संस्कारों का आधार स्तम्भ होती हैं। यदि भारत को शक्तिशाली बनाना है तो बालिकाओं व महिलाओं का चहुमुखी विकास अति आवश्यक है। बालिकाओं में संस्कार, सुरक्षा व सेवा की भावनाओं के संचार से ही उनमें आत्मविश्वास की भावना जागेगी और राष्ट्र मजबूत होगा। दुर्गावाहिनी देशभर में बालिकाओं में माँ दुर्गा की शक्ति का संचार कर राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। दुर्गा वाहिनी शक्ति पुन्ज के रूप में उभरी है। दिल्ली में बढ़ रही महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं के संदर्भ में दुर्गावाहिनी का प्रशिक्षण शिविर और अधिक प्रासंगिक बन गया है।
उपरोक्त बातें दिव्य योग जागृति मिशन की प्रसिद्ध साध्वी दीपिका भारती ने आज पश्चिमी दिल्ली के जनक पुरी क्षेत्र में आयोजित दुर्गावाहिनी प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहीं। शिविर की वर्गाधिकारी श्रीमती नूतन जैन ने कहा कि महिलाओं के स्वावलम्बन, आत्मरक्षा तथा व्यक्ति निर्माण (पर्सनालिटी डवलपमेंट) के लिए आज लोग हजारों रूपये खर्च करके कोर्स करते हैं फिर भी जो प्रशिक्षण और आत्मविश्वास दुर्गावाहिनी के सात दिन के शिविर में हम देते हैं उनको कहीं नही मिल सकता। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाज सेवी श्रीमती स्वदेश ने कहा कि हमारा मानना है कि एक लड़की को यदि संस्कारित किया जाये तो उसका प्रभाव दो परिवारों और उसके आसपास के बड़े वातावरण पर सकारात्मक पड़ता है। यदि मां संस्कारित नही होगी तो बच्चों में संस्कार की परिकल्पना निरर्थक है।
इस अवसर पर दुर्गा वाहिनी के प्रान्त प्रभारी श्री अशोक कुमार ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविरों में बालिकाओं के लिए योग, प्राणायाम, ध्यान, शारीरिक शिक्षा, नियुध्द (जूडो, कराटे), लक्ष्य भेद, बाहरी आक्रमणों से बचाव, प्राथमिक चिकित्सा इत्यादि का प्रशिक्षण देकर खेल ही खेल में उनको जीवन जीने की कला सिखायी जाती है।
बी-1 जनकपुरी स्थित माता हीरा देवी चौधरी सरस्वती बाल मन्दिर विद्यालय में गत नौ जून 2013 से सप्ताह भर तक चले शिविर में 15 से 35 वर्ष की लडकियों को दुर्गावाहिनी के कार्य का प्रशिक्षण दिया गया। शिविर में महिला सशक्तिकरण, आदर्श हिन्दू परिवार, सत्संग, गउ रक्षा, जेहादी आतंकवाद, सामाजिक कुरीतियां व उनका उन्मूलन, आदर्श नारी, किशोरावस्था, स्वदेशी व्यक्तित्व विकास के अलावा अनेक समसामयिक विषयों पर संतों, महात्माओं विषय के विशेषज्ञों और प्रबुध्द वर्ग के लोगों का मार्ग दर्शन मिला। सत्संग, शक्तिसाधना व संस्कार केन्दों के माध्यमों से कैसे दुर्गावाहिनी अपने कार्यों का नियमित विस्तार करे यह बात प्रशिक्षणाथिर्यों को बताई गयी।
वर्ग की मुख्य शिक्षिका दुर्गावाहिनी दिल्ली की प्रान्त संयोजिका श्रीमती संजना चौधरी के निर्देशन में बालिकाओं ने प्रशिक्षण के दौरान सीखी हुई कलाओं का प्रदर्शन जब उपस्थित जनसमूह के समक्ष किया तो सभी मंत्रमुग्ध थे। इस अवसर पर समाज सेवी श्रीमती अर्चना मग्गो, प्रान्त सह-संयोजिका कु कुसुम, विहिप के प्रांत उपाध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद व दीपक कुमार, महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन, संगठन मंत्री श्री करूणा प्रकाश, कोषाध्यक्ष सेठ राम निवास गुप्ता, विभाग मंत्री श्री शान्ति स्वरूप, जिला मंत्री श्री कमलेश शुक्ल व योग व शारीरिक शिक्षक श्री शिवदत्त आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
विहिप के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज से सप्ताह भर के लिए 35 वर्ष से अधिक की महिलाओं के लिए भी एक शिविर उसी स्थान पर प्रारम्भ हो गया है।

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