Tuesday, March 18, 2014

विहिप का प्रतिनिधि मण्डल चुनाव आयोग से मिला




मुस्लिम तुष्टीकरण व आचार संहिता के उल्लंघन के विरुद्ध की शिकायत
    
नई दिल्ली मार्च 18, 2014। विश्व हिन्दू परिषद का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल आज भारत के चुनाव आयोग से मिला। यह प्रतिनिधि मण्डल यूपीए नीति केन्द्र सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति और चुनाव आचार संहिता के गंभीर उल्लंघन के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने हेतु गया था।
विहिप का कहना है कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने 5 मार्च, 2014 को एक अधिसूचना के द्वारा दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित 123 सम्पत्तियों को वक्फ बोर्ड के हवाले करने का जो निर्णय लिया है वह न केवल अवैधानिक है अपितु, आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन भी है। इन सम्पत्तियों में वायुसेना के वायरलैस स्टेशन व उप-राष्ट्रपति निवास में स्थित सम्पत्ति भी शामिल है। इनकी संवेदनशीलता पर भी विचार न करते हुए जिस अफरातफरी में यह अधिसूचना जारी की गई, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इस आदेश का एक मात्र उद्देश्य मुस्लिम वोट बैंक को आकर्षित करना है। इस वोट बैंक को लुभाने के लिए यह सरकार इतनी उतावली हो रही थी कि वह यह भी विचार नहीं कर पाई कि उसी दिन आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई थी और सरकार का यह निर्णय चुनाव आयोग के आदेश का सीधा-सीधा उल्लंघन है।
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल के नेतृत्व में गए इस प्रतिनिधि मण्डल में संगठन के अंतर्राष्ट्रीय महा मंत्री श्री चंपत राय, केन्द्रीय मंत्री डा सुरेन्द्र जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक अग्रवाल, प्रान्त महा मंत्री श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव व प्रान्त मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल भी सामिल थे।
मुस्लिम वोट बैंक के लिए यह सरकार न्यायपालिका को तो धोखा देने की कोशिश करती ही रही थी, अब उन्होंने चुनाव आयोग को भी ठेंगा दिखाने की हिमाकत की है। विश्व हिंदू परिषद् ने इस सम्बंध में महामहिम राष्ट्रपति को भी एक पत्र लिखा था। किन्तु, उसका भी इस सरकार पर कोई प्रभाव न देखकर विहिप ने आज चुनाव आयोग से अपील की है कि आदर्श आचार संहिता की अवहेलना के  इस मामले में हस्तक्षेप कर इस अधिसूचना पर रोक लगाये, सत्तारूढ़ कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों की मान्यता रद्द करे और यह स्थापित कर दे कि भारत में अराजकता नहीं,  कानून का राज्य चलता है।
ये सभी सम्पत्तियां 1911 से 1915 के बीच में अधिगृहित की गई थीं। किन्तु, 1970 में दिल्ली वक्फ  बोर्ड ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए इन सभी सम्पत्तियों को वक्फ सम्पत्ति घोषित कर दिया। 1974 में भारत सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जिसकी अध्यक्षता वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष  को ही सौंपी गई। यह केवल अराजक देशों में ही देखने को मिलता है कि अपराधी को अपने अपराध की जांच खुद ही करने को कहा जाए। इस कमिटी ने भी लिखा कि दो सम्पत्तियों के स्थानों की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें वहां घुसने भी नहीं दिया गया। इस सब के बावजूद, कांग्रेस सरकार ने ये सभी सम्पत्तियां वक्फ के हवाले कर दीं। 1984 में विहिप-दिल्ली की अपील पर सुनवाई करते हुए इस आदेश पर मा.दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया था । इस मामले के आगे बढ़ने पर उच्च न्यायालय ने दिनांक 12-01-11 को आदेश दिया कि "भारत सरकार इस मामले पर पुनर्विचार कर 6 माह में निर्णय ले और तब तक स्थगन आदेश लागू रहेगा।"
दो साल से भी अधिक  समय तक इस मामले पर सोती रही  यह सरकार चुनावों की सुगबुहाट पर जाग गई और न्यायपालिका के आदेश की अवहेलना करते हुए और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए देश की इन सम्पत्तियों  को वक्फ के हवाले कर दिया।  कांग्रेसनीत यूपीए सरकार यह तर्क दे रही है कि इन सम्पत्तियों का मुआवजा देकर अधिग्रहण करने वाली सरकार अंग्रेजो की थी तो मुस्लिम आक्रांताओं  द्वारा मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिद कुव्वत ऐ इस्लाम, कृष्ण जन्मभूमि व काशीविश्वनाथ मंदिर भी अविलम्ब हिंदू समाज के हवाले करना चाहिए। एक धर्मनिरपेक्ष सरकार द्वारा हिंदू-मुस्लिम में भेदभाव करना न केवल असंवैधानिक है अपितु अनैतिक भी है।
विहिप ने आज चुनाव आयोग से अपील की कि त्वरित कार्यवाही करते हुए वह इस असंवैधानिक निर्णय पर रोक लगाए जिससे लोकतंत्र की रक्षा की जा सके। इसके अलावा विहिप की भारत के मतदाताओं से भी अपील है कि चंद वोटों के लिए देश बेचने वालों को आगामी चुनावों में ऐसा सबक सिखाएं कि फिर कोई हमारे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ न कर सके।

VHP meets ECI for Violation of Model Code of Conduct by UPA



VHP meets ECI for Violation of Model Code of Conduct by UPA
New Delhi. March 18, 2014. A High level Delegation of Vishwa Hindu Parishad (VHP) today meets the Election Commission of India & complained him against Muslim appeasement policies of the UPA Govt. and violation of Model code of conduct.
The six member delegation lead by the international vice president shri Om Prakash Singhal, which comprised of the int’l secretary general shri Champat Rai, central secretary Dr. Surendra Jain, learned counsel shri Alok Agrawal, state secretary general shri Ram Krishna Srivastav & Media Chief shri Vinod Bansal, submits a memorandum to the ECI in this regard.
Issuing gazette notification no. SO661(E) by the Govt. of India to withdraw from acquisition of 123 Govt. properties in Delhi and surrendering them to Delhi Wakf board(DWB) on March 5, 2014 is not only un-constitutional but amounts to clear violation of the Model Code of conduct. Amongst the properties are (i) property in wireless station and (ii) the Vice-Presidential Estate. Ignoring the strategic importance of these properties, issuing this notification hurriedly, clearly shows that its main aim was to woo the Muslim voters, said VHP.
The UPA Govt. who usually ignored our judiciary, now dared to challenged the Election commission also. VHP also wrote to the President of Bharat in this regard. Today we appealed the election commission that for violation of Model code of conduct by the UPA Govt, not only this notification be withdrawn but also the Congress & its Govt. allies be debarred from fighting this general election.
All these properties were acquired for the new capital of Delhi in the years 1911-1915. As per the Govt. records, the acquisition was completed, possession taken and all these properties were put under the control and management of the DDA/L&DO. Even though, in 1970, exceeding its constitutional authorities, the DWB unilaterally declared these properties as Wakf properties. In 1974, when Govt. constituted a committee to investigate into the matter, the DWB chairperson was appointed as the chairman of the investigating Committee. This could not be seen anywhere in the world that culprit is being appointed as an investigator for the crime committed by himself. It is noteworthy, the Committee claimed that it was not allowed to enter into the two properties situated in protected areas. Even after all this, the Govt. handed over these properties to DWB, however on the petition of Indraprastha Vishwa Hindu Parishad, the High Court of Delhi had stayed the order in the same year 1984.After a long battle of 27 years, on Jan 12, 2011, the High Court ordered  that Govt. should rethink in the matter within six months and our stay order would be continued.
After two years of deep sleep, the Muslim Vote bank suddenly awakened the UPA Govt. and ignoring judicial order and violating Model Code of Conduct, all such properties were surrendered to DWB on the same day when the elections were declared. VHP today appealed the election commission to ban the notification and debar Congress & its Govt. allies from fighting these general elections. VHP appeals to the country to teach a lesson to all those, who are playing with our democracy & national interests, in greed of votes.

Thursday, February 27, 2014

महा शिव रात्रि पर रचाया ॠषि बोधोत्सव यज्ञ



नई दिल्ली फ़रवरी 27, 2014। महा शिव रात्रि के पावन पर्व पर आज आर्य समाज संत नगर में ॠषि दयानन्द बोधोत्सव यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए आर्य समाज संत नगर के कार्यकारी प्रधान व विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने महा शिव रात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज ही के दिन ॠषि दयानन्द को शिवालय में रात्रि भर जाग कर बोध प्राप्त हुआ और अपना सर्वस्व त्याग कर समाज कल्याण की ओर निकल पडे। जिस प्रकार भगवान शंकर ने लोक कल्याण के लिए जहर को अपने कंठ में धारण किया उसी प्रकार मूल शंकर(स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम) ने भी अनेक प्रकार की यातनाएँ झेल कर न सिर्फ़ विश्व में व्याप्त सामाजिक बुराइयों का अन्त किया बल्कि मुगलों व ईसाइयों के द्वारा फ़ैलाए जा रहे धर्मांतरण के षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश कर हिन्दू समाज को आर्यत्व की ओर मार्ग-दर्शित किया। आज आवश्यकता है कि सत्यार्थ प्रकाश के त्रयोदश व चतुर्दश समुल्लास का सघन प्रचार कर देश को धर्मांतरण की विभीषिका से मुक्ति दिलाएँ।

दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट आफ़ कैलाश स्थित संत नगर आर्य समाज मन्दिर में आज प्रात: काल आयोजित ॠषि बोधोत्सव यज्ञ के उपरान्त बोलते हुए वैदिक विदुषी श्रीमती विमलेश आर्या ने कहा कि ॠषि दयानन्द विलक्षण प्रतिभा के धनी थे उन्ही की कृपा से आज महिलाएं ब्रह्मा बनकर न सिर्फ़ यज्ञों का संचालन कर रही हैं बल्कि गार्गी बनकर सत्य सनातन वैदिक संदेश घर-घर पहुँचा रही हैं।

इस अवसर पर आर्य समाज मंदिर के कोषाध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सूद, सह कोषाध्यक्ष श्री विनोद कौशिक, संरक्षक श्री जगदीश गांधी, श्री गिरधर, श्रीमती कल्पना शर्मा, हितेश, निम्मी, कुसुम व  कु विदुषी सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रख कर शिवत्व के माध्यम से कृणवन्तो विश्वमार्यम की ओर बढने का संकल्प लिया।

भवदीय
विनोद बंसल,
मीडिया प्रमुख
इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली
मो - 9810949109

Tuesday, February 25, 2014

बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ने हेतु बजरंग दल का देश व्यापी प्रदर्शन









देश की सुरक्षा और संसाधन संकट में : प्रकाश शर्मा 
 नई दिल्ली, फरवरी 25, 2014। बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा पार करने की मांग को लेकर आज बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आज देश भर में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्वोधित करते हुए ज्ञापन सौंपा। दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारीयों को सम्वोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट प्रकाश शर्मा  ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति की कटु आलोचना करते हुए कहा की सन्‌ 2005 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा  एक एक बांग्लादेशी को चुन चुन कर भगाने संबंधी स्पष्ट निर्णय के बावजूद लगभग पांच लाख बांग्लादेशी आज भी देश की सुरक्षा तथा संसाधनों पर खतरा बने हुए हैं. उन्होंने मांग की कि भारत सरकार इन सभी घुसपैठियों को शीघ्रताशीघ्र भारत की पवित्र भूमि से अलग करे जिससे भारतवंशी चैन की नींद सो सकें. प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधि मण्डल ने महा-महिम राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भी सौंपा।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर के अलावा बजरंग दल द्वारा आज देश के प्रत्येक जिला केंद्र पर इसी विषय को लेकर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति  को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन दिया गया।
बजरंग दल के प्रांत संयोजक श्री शिव कुमार के नेतृत्व में आए दल के कार्यकर्ताओं ने हाथों में भगवा ध्वज, बैनर व प्ले कार्ड लिए हुए थे।  बजरंग दल के कार्यकर्ता "प्रधान मंत्री जागो जी, घुसपैठियों को भगाओ जी", "घुसपैठिए भगाओ - देश बचाओ', 'बजरंग दल करता यह मांग, घुसपैठियों से बचाओ जान", "प्रधान मंत्री शर्म करो, शर्म करो, शर्म करो', जैसे नारे लगाते हुए बेहद रोष में दिखे।
प्रदर्शनकारियों में विहिप दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री अशोक कपूर, बजरंग दल के श्री नीरज दोनेरिया, श्री नीरज गुप्ता, श्री श्याम कुमार, श्री राकेश पाण्डे, श्री जसवीर चौहान, श्री जगजीत गोल्डी, श्री रवि पाण्डे व श्री दीपक सिंह सहित अनेक  पदाधिकारी सामिल थे।
भवदीय

विनोद बंसल,
मीडिया प्रमुख
इंद्र्प्रस्थ विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली
मो 9810949109

Tuesday, February 11, 2014

News : VHP, Mulayam opening up Ayodhya chapter again ahead of the LS polls

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Manish Chandra Pandey, Hindustan Times
Lucknow, February 11, 2014
 
After surprising many by winning the Ayodhya seat in the 2012 Uttar Pradesh assembly elections in which the Samajwadi Party got a handsome victory margin, an overjoyed party chief Mulayam Singh Yadav had famously remarked: “Now, Ayodhya has forgiven me.” He was referring to the police firing he had ordered on kar sevaks in the temple town in 1990 as the then chief minister of Uttar Pradesh. After the firing the Vishwa Hindu Parishad (VHP) caustically gave him the epithet Maulana Mulayam, which is believed to have helped the feisty former wrestler from Etawah win the loyalty of Muslims across the state.
Twenty three years after the controversial firing — which helped both Mulayam and the saffron brigade consolidate their holds on their respective vote banks — the VHP and Mulayam have decided to open the Ayodhya chapter all over again ahead of the Lok Sabha polls.
After Mulayam said at an election rally in Mainpur on February 6 that if he had not ordered the police to fire on kar sevaks aiming to storm the disputed structure at Ayodhya the Muslim community’s trust in the SP chief would have been shattered.
Quick to react to the statement, the VHP has decided to conduct mass mobilisation campaigns spearheaded by sadhus against the SP chief.
Political observers feel that after the recent communal riots in Muzaffarnagar, Mulayam has deliberately harked back to the past in a bid to re-engage Muslims, who are unhappy with the SP government’s handling of the riots. Azam Khan, the Muslim face of the ruling party, has of late been saying that “post 1990, Mulayam Singh Yadav doesn’t need a certificate from anyone about his secular credentials”. But the saffron brigade too is looking for gains by targeting Mulayam and consolidating the anti-Mulayam vote bank.
“He (Mulayam) is again speaking a divisive language for electoral gains. We will definitely sensitise the masses against a politician who is indulging in such blatant appeasement politics,” Varanasi-based Shankaracharya Narendranand Saraswati told HT on the phone. Narendranand said he has lined up public meetings at various places across the state and outside at which he would take up issues of “public and national interest”. This includes Mulayam justifying the police firing in Ayodhya in 1990.
The VHP’s Ayodhya office bearer Sharad Sharma said the saffron outfit would back four yatras to be conducted by sadhus across the state to moblise support against Mulayam.
The yatras would also be utilised by the VHP to drum up support for the BJP’s PM candidate, Narendra Modi. “Either Mulayam should apologise for his divisive remark else we will mobilise public opinion against him,” said Sharma.
Throughout the yatras, the VHP plans to distribute pamphlets listing what saffron leaders describe as “Mulayam’s anti-Hindu acts”. Vinod Bansal, the VHP’s Delhi-based media in-charge said, “We are getting literature prepared against Mulayam. This would include the alleged atrocities committed on saints under the Samajwadi Party rule, the number of many kar sevaks killed in the police firing and the number of Hindu religious leaders jailed.”

Monday, January 27, 2014

सरदार उजागर सिंह को विहिप की भावभीनी श्रद्धान्जलि




सरदार उजागर सिंह को विहिप की भावभीनी श्रद्धान्जलि

नई दिल्ली, जनवरी 27, 2014। सरदार उजागर सिंह एक धर्म धुरन्धर राष्ट्र भक्त और गुरु गोविन्द सिंह जी के सच्चे खालसा थे। उन्होंने अपना सारा जीवन हिन्दू समाज की सेवा में समर्पित कर दिया। अपने दिल्ली प्रान्त उपाध्यक्ष को भाव-भीनी श्रद्धांजलि देते हुए विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल ने यह भी कहा कि जीवन में बडे से बडे कार्य को सहजता व कर्मठता से करने में वे निपुण थे। उनका मकर संक्रान्ति के दिन हृदय गति रुक जाने से दिल्ली में शरीर पूरा हो गया था।

दिल्ली के पहाड गंज स्थित उदासीन आश्रम में आज हुई श्रद्धांजलि सभा में सरदार उजागर सिंह के पुत्र श्री मनप्रीत सिंह व अनेक परिजनों, रिश्तेदारों व मित्रों के अलावा सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष स्वामी राघवानन्द, दिल्ली संत महा मण्डल के महन्त नवल किशोर दास, राष्ट्रवादी शिव सेना के अध्यक्ष जय भगवान गोयल, अखण्ड हिन्दुस्थान मोर्चे के संदीप आहूजा, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री करुणा प्रकाश, प्रान्त उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद, दीपक कुमार, गुरदीन प्रसाद रुस्तगी, महामंत्री राम कृष्ण श्रीवास्तव, संगठन मंत्री अनिल जी सहित राष्ट्रीय सिख संगत, गुरुद्वारा प्रन्धक कमेटी दिल्ली, शिरोमणी अकाली दल आदि अनेक संगठनों के पदाधिकारी सामिल थे। सरदार उजागर सिंह का मकर संक्रान्ति के दिन दिल्ली में उनके निवास स्थान पीतम पुरा में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था। वे भारत के अनेक राष्ट्रवादी व धार्मिक संगठनों से जुडे थे।   

Friday, January 24, 2014

जैन समाज को भारत में अल्पसंख्यक घोषित कराने का कांग्रेस का प्रयास सारे देश को धोखा देना और केवल राजनीति है - विहिप

विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री चम्पतराय एवं विहिप प्रवक्ता डाॅ0 सुरेन्द्र जैन का
संयुक्त प्रेस वक्तव्य
नई दिल्ली, 24 जनवरी, 2014
    जैन समाज को भारत में अल्पसंख्यक घोषित कराने का कांग्रेस का प्रयास सारे देश को धोखा देना है और केवल राजनीति है। जैन धर्मावलम्बी हिन्दू समाज के अभिन्न अंग हैं। सभी के परिवारों की परम्पराएँ एवं संस्कार एक समान हैं। कांग्रेस सरकार कहीं भाषा के नाम पर, कहीं जातियों के नाम पर, जातियों को उपजातियों के नाम पर तथा कहीं भिन्न-भिन्न मत, पंथ, सम्प्रदाय और धर्म के नाम पर हिन्दू समाज को बांटकर दुर्बल करना चाहती है। शिक्षा संस्थाओं में, बैंकों के लेनदेन में, नौकरियों और अन्य सरकारी कामकाज में सरकार की भेदभावपूर्ण नीति का ये दुष्परिणाम है। सरकार अपनी भेदभावपूर्ण नीति को समाप्त करे और ऐसी नीतियों का निर्धारण करे ताकि अल्पसंख्यक सूची में अपना नाम जोड़ने की होड़ समाप्त हो। यह भी स्पष्ट रहे कि भारत में कोई भी अल्पसंख्यक नहीं है।



(डाॅ0 सुरेन्द्र कुमार जैन)                (चम्पतराय)
राष्ट्रीय प्रवक्ता-विहिप                 अन्तर्राष्ट्रीय महामंत्री

Wednesday, January 8, 2014

प्रशांत भूषण की गिरफ़्तारी के लिये बजरंग दल का प्रदर्शन
























प्रशांत भूषण की गिरफ़्तारी के लिये बजरंग दल का प्रदर्शन




प्रशांत भूषण की गिरफ़्तारी के लिये बजरंग दल का प्रदर्शन
नई दिल्ली। जनवरी 8, 2014। प्रशांत भूषण के जम्मू कश्मीर संबंधी बयान को लेकर बजरंग दल दिल्ली प्रांत ने आज जंतर-मंतर पर जमकर प्रदर्शन किया, प्रशांत भूषण का पुतला फ़ूँका और उसकी गिरफ़्तारी के लिये राष्ट्रपति को एक मांग पत्र सौंपा। बजरंग दल दिल्ली के प्रांत संयोजक श्री शिव कुमार ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है और इसकी रक्षा करना प्रत्येक भारतवासी का परम कर्तव्य है। इसपर यदि कोई प्रश्न चिह्न लगाता है या किसी प्रकार के जनमत संग्रह की बात करता है तो वह राष्ट्रद्रोही से कम नहीं है और उसको उसकी सज़ा अवश्य मिलनी चाहिए।
कश्मीर के संदर्भ में जनमत संग्रह की बात करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण के विरुद्ध बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का गुस्सा जंतर-मंतर पर कुछ इस तरह फ़ूटा कि प्रशांत भूषण के पुतले को आग लगाने के बाद उसे जूतों से रौंदा गया। देशद्रोह के अपराध में गिरफ़्तारी की मांग के साथ उसे आप पार्टी से निकालने की भी पुरज़ोर मांग की गई। बाद में इस संबंध में एक ज्ञापन भी भारत के महामहिम राष्ट्रपति डा प्रणव मुखर्जी को दिया गया।
ज्ञापन की प्रति मीडिया को जारी करते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि यह पहला अवसर नहीं था जब प्रशांत भूषण ने कश्मीर पर ज़हर उगला हो। इससे पहले भी इसके बयान व क्रियाकलाप ऐसे रहे हैं जो कश्मीर के अलगाववादियों की तर्ज़ पर थे। हमने राष्ट्रपति महोदय से अलगाववादी विचारधारा के लोगों पर तुरंत अंकुश लगाकर उन्हें अविलंब गिरफ़्तार करने की मांग की है। ज्ञापन की एक प्रति आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को भी भेजी गई है जिसमें उनसे अलगाववादी शक्तियों से दूर रहने का निवेदन करते हुए भूषण को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की गई है।
हाथों में भगवा झंडे व अलगाववाद को दूर करो, प्रशांत को गिरफ़्तार करो, प्रशांत भूषण हाय हाय, हाय हाय, हाय हाय इत्यादि नारे लिखे प्लेकार्ड लिये प्रदर्शनकारियों ने जंतर मंतर से राष्ट्रपति भवन को प्रस्थान किया। बाद में एक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति भवन जाकर महामहिम को एक ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों को विहिप दिल्ली के महामंत्री श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष श्री अशोक कपूर, दीपक कुमार, गुरदीन प्रसाद रस्तुगी, बजरंग दल के श्री नीरज दौनेरिया, शैलेंद्र जयसवाल, दीपक सिंह इत्यादि अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया।
 भवदीय

Friday, January 3, 2014

शाखा पर हमला करने वालों के विरुद्ध हो कडी कार्यवाही: विहिप

नई दिल्ली। दिसम्बर 3, 2014।  पूर्वी दिल्ली के गीता कालोनी स्थित रानी गार्डन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा पर जिहादी तत्वों के सरे आम हमले और उस पर सरकारी उदासीनता पर विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली ने गहरी चिंता जताते हुए हमलावरों के विरुद्ध कडी कार्यवाही की मांग की है। विहिप दिल्ली के संयुक्त महा मंत्री श्री राम कृष्ण श्री वास्तव ने शाखा पर हमला कर भगवा ध्वज का अपमान किए जाने और उसके ऊपर अपराधियों को पकडने की बजाए पीडित स्वयं सेवकों की पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने को गंभीरता से लेते हुए घटना की तीव्र भर्त्सना की है। उन्होंने हमलावरों व दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कडी कार्यवाही की भी मांग की।
घटना की पूरी जानकारी देते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि बृहस्पतिवार (02/01/2014) सायं काल में पूर्वी दिल्ली के अम्बेडकर पार्क स्थित रानी गार्डन में पिछले अनेक वर्षों से लग रही बाल शाखा पर जिहादी तत्वों ने हमला बोल दिया जिसके चलते न सिर्फ़ वहां खेल रहे स्वयंसेवकों को चोटें पहुंची वल्कि हिन्दू समाज के परम पूज्य भगवा ध्वज को भी हमलावरों ने फ़ाड डाला। इतना ही नहीं जब स्वयं सेवकों ने इसका विरोध किया तो जिहादी तत्वों ने पार्क में और अधिक संख्या में पहुंच स्वयं सेवकों पर फ़िर हमला बोला। हैरानी की बात तो यह है कि घटना की शिकायत दिल्ली पुलिस को 100 नम्बर पर की तो गई किन्तु हमला वरों को पकडने की बजाय पुलिस पीडित बाल स्वयं सेवकों पर ही टूट पडी और उनको बुरी तरह मारा। इसका विरोध स्थानीय हिन्दू समाज ने देर रात्रि गीता कालोनी थाने पर प्रदर्शन कर प्रकट किया।  विहिप का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में जिहादी तत्वों के हौसले बहुत बढ गए हैं जिसके कारण जगह-जगह हिन्दू समाज पर हमले हो रहे हैं। संघ की शाखा पर हमला और भगवा ध्वज का अपमान हिन्दू समाज के लिए अछम्य अपराध है जिसे सरकार को गंभीरता से लेना होगा।